Class 8 Hindi Grammar Chapter 7 वचन (Vachan). Here we have to study about वचन and वचन के भेद in detail for class 8 Hindi Vyakaran. Examples of Ekvachan and Bahuvachan are given here so that students can understand properly about the concepts of वचन easily. All the contents are updated for academic session 2024-25 for CBSE and all state boards.
कक्षा 8 हिन्दी व्याकरण पाठ 7 वचन
कक्षा: 8 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 7 | वचन और उसके भेद |
संज्ञा विकार – वचन
वचन संज्ञा का वह लक्षण है जो एक या एक से अधिक का बोध कराता है। निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
- लड़का खेल रहा है।
- लड़के खेल रहे हैं।
- लड़की पढ़ है।
- लड़कियाँ पढ़ रही हैं।
उपर्युक्त वाक्य 1 और 3 में लड़का और लड़की एक-एक का बोध कराते हैं। इन शब्दों का प्रयोग एकवचन में हुआ है। वाक्य 2 और 4 में लड़के और लड़कियों का प्रयोग बहुवचन के रूप में हुआ है।
वचन के भेद
हिंदी में निम्नलिखित दो वचन होते हैं:
- एकवचन
- बहुवचन
एकवचन
शब्द के जिस रूप से किसी एक वस्तु, पदार्थ, प्राणी या व्यक्ति का बोध होता है, उसे एकवचन कहते हैं।
जैसे: लड़की, पुस्तक, कविता, गाड़ी आदि।
बहुवचन
शब्द के जिस रूप से एक से अधिक वस्तुओं पदार्थों, प्राणियों या व्यक्तियों का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं।
जैसे: लड़कियाँ, पुस्तकें, कविताएँ, गाड़ियाँ आदि।
वचन की पहचान
शब्दों के वचन पहचानने के लिए प्रमुख रूप से दो तरीके हैं:
- संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के द्वारा।
- वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के द्वारा।
संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के द्वारा वचन की पहचान
- (क) कन्या खेल रही है।
- (ख) कन्याएँ खेल रही हैं।
- (ग) वह पढ़ रहा है।
- (घ) वे पढ़ रहे हैं।
इन वाक्यों में “कन्या” एकवचन तथा “कन्याएँ” बहुवचन में हैं। ये दोनों संज्ञाएँ हैं। “वह” एकवचन तथा “वे” बहुवचन हैं। ये दोनों सर्वनाम हैं। यहाँ एकवचन तथा बहुवचन का बोध सरलता से हो रहा है।
वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के द्वारा वचन की पहचान
कुछ संज्ञाएँ एकवचन तथा बहुवचन में समान होती हैं।
जैसे- शेर, हाथी, फूल, कमल, अध्यापक, नेता आदि।
ऐसे शब्दों के वचन की जानकारी क्रिया द्वारा की जा सकती है।
जैसे:
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
हाथी गन्ना खा रहा है। | हाथी गन्ने खा रहे हैं। |
अध्यापक पढ़ाता है। | अध्यापक पढ़ाते हैं। |
यहाँ शेर रहता है। | यहाँ शेर रहते हैं। |
इन वाक्यों में हाथी, अध्यापक और शेर के एकवचन तथा बहुवचन का ज्ञान उनके साथ प्रयुक्त क्रियाओं के वचनों से हो जाता है।
एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग
निम्नलिखित दशाओं में एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
1. आदर या सम्मान दर्शाने हेतु
आदर या सम्मान प्रकट करने के लिए एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है। जैसे:
- (क) श्री राम अयोध्या में रहते थे।
- (ख) श्री कृष्ण दुर्योधन को समझाकर चले गए।
2. बड़प्पन, अधिकार या अभिमान दर्शाने हेतु
मैं के स्थान पर “हम” का प्रयोग।
मालिक ने नौकर से कहा, “हम घूमने जा रहे हैं”।
अमित ने शुभांगी से कहा, “हम मेयर साहब के साहबजादे हैं”।
3. शिष्टाचार या लोक-व्यवहार दर्शाने हेतु
(तू के स्थान पर ‘तुम’ या ‘आप’ का प्रयोग) तू कब आया?
तुम (आप) कब आए? अब तेरा ही सहारा है।
अब तुम्हारा (आपका) ही सहारा है।
बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग
कई बार जातिवाचक शब्द एकवचन में ही बहुवचन का बोध कराते हैं। जैसे:
- क. मुंबई का केला प्रसिद्ध है।
- ख. उनके पास एक लाख रुपया है।
इन वाक्यों में “केला” तथा “रुपया” बहुवचन होने पर भी इनके लिए एकवचन शब्दों का ही प्रयोग हुआ है।
सदा एकवचन में प्रयोग किए जाने वाले शब्द
जिन शब्दों का सदैव एकवचन में ही प्रयोग होता है। उनमें से कुछ शब्द यहाँ दिए जा रहे हैं- माल, आकाश, पानी, वर्षा, जनता, बालू, सामान, सहायता आदि।
- क. आकाश से पानी बरस रहा है।
- ख. जनता बालू पर बैठी है।
- ग. हमारा घी शुद्ध है।
सदा बहुवचन में प्रयोग किए जाने वाले शब्द
जिन शब्दों का सदैव बहुवचन में ही प्रयोग होता है उनमें से कुछ शब्द यहाँ दिए जा रहे हैं:
- दर्शन, बाल, प्राण, लोग, हस्ताक्षर आदि शब्दों का प्रयोग सदैव बहुवचन में किया जाता है। जैसे-
क. मैंने उनके दर्शन किए।
ख. उनके प्राण निकल गए। - समूह, समुदाय, वर्ग, जन, वृंद, गण, लोग जोड़कर बनने वाले शब्दों का प्रयोग बहुवचन में होता है। जैसे-
क. छात्रगण पढ़ रहे थे।
ख. वैष्णव-जन दूसरों की पीड़ा समझते हैं। - सेना, दल और जाति शब्द जोड़कर बनाए गए शब्द भी सदैव एकवचन में प्रयोग किए जाते हैं। जैसे-
क. हमारी सेना लगातार आगे बढ़ रही है।
ख. हमारा दल अहिंसावादी है।
एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
1. आकारांत पुल्लिंग शब्दों के अंत में “आ” के स्थान पर “ए” करने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
बच्चा | बच्चे |
तोता | तोते |
कौआ | कोए |
पंखा | पंखे |
पटाखा | पटाखे |
कपड़ा | कपड़े |
परंतु चाचा, मामा, पिता, आदि कुछ ऐसे शब्द हैं जिनके बहुवचन रूप में “आ” का “ए” नहीं होता।
2. अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “अ” के स्थान पर एँ करने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
रात | रातें |
सड़क | सड़कें |
बहन | बहनें |
पुस्तक | पुस्तकें |
बात | बातें |
लड़का | लड़के |
3. आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “आ” के बाद एँ लगाने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
सेना | सेनाएँ |
माता | माताएँ |
महिला | महिलाएँ |
कविता | कविताएँ |
माला | मालाएँ |
बाला | बालाएँ |
4. ईकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के बहुवचन बनाते समय अंत में याँ जुड़ जाता है और इकारांत होने पर “ई” को ह्रस्व करके “याँ” जोड़ दिया जाता है। जैसे-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
बकरी | बकरियाँ |
मछली | मछलियाँ |
नदी | नदियाँ |
तिथि | तिथियाँ |
निधि | निधियाँ |
लड़की | लड़कियाँ |
5. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के पीछे “या” हो वहाँ “या” के स्थान पर “याँ” कर देने से वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
चिड़िया | चिड़ियाँ |
कुटिया | कुटियाँ |
चुहिया | चुहियाँ |
बुढ़िया | बुढ़ियाँ |
डिबिया | डिबियाँ |
खटिया | खटियाँ |
6. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “उ”, “ऊ” या “औ” होता है, उनमें एँ लगा देने से वे बहुवचन बन जाते हैं तथा “ऊ” को “उ” कर दिया जाता है। जैसे-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
वस्तु | वस्तुएँ |
वधू | वधुएँ |
धातु | धातुएं |
बहू | बहुएँ |
गऊ | गौएँ |
धेनु | धेनुएँ |
7. कुछ शब्दों के अंत में वृंद, वर्ग, जन, लोग गण आदि शब्द लगाए जाएँ तो वे बहुवचन बन जाते हैं। जैसे-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
मजदूर | मजदूर वर्ग |
विद्यार्थी | विद्यार्थी वर्ग |
पक्षी | पक्षीवृंद |
गूरु | गुरुजन |
प्रजा | प्रजाजन |
नेता | नेता गण |
विद्यार्थी | विद्यार्थीगण |
ध्यान देने योग्य कुछ विशेष बाते
- (क) कुछ शब्द ऐसे हैं; जो एकवचन तथा बहुवचन में समान होते हैं। उनके रूप नहीं बदलते। जैसे- घी, चाय, गिरि, छाया, क्षमा, पानी, याचना, कल आदि।
- (ख) कुछ शब्द ऐसे हैं, जो सदा एकवचन में ही प्रयोग किए जाते हैं। जैसे- जनता दूध, वर्षा, आग, आकाश, प्रजा, भीड़ आदि।
- (ग) कुछ शब्द ऐसे हैं जो सदा बहुवचन में ही प्रयोग किए जाते हैं; जैसे-आँसू, बाल, लोग, होश, दर्शन, प्राण, हस्ताक्षर आदि।
- (घ) धातुओं का बोध कराने वाली जातिवाचक संज्ञाएँ तथा भाववाचक संज्ञाएँ एकवचन में ही प्रयोग की जाती हैं। जैसे- सोना, चाँदी, सत्य, प्रेम, घृणा।