Class 8 Hindi Grammar Chapter 5 संज्ञा (Sangya). Students can get here class 8 Vyakaran in updated format based on latest CBSE Curriculum 2024-25. Examples and definitions related to संज्ञा and संख्या के प्रकार are given to practice well for exams. All the contents on Tiwari Academy website are free to use without any formal registration. We want to help the students at our level best.
कक्षा 8 हिन्दी व्याकरण पाठ 5 संज्ञा और उसके भेद
कक्षा: 8 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 5 | संज्ञा और उसके भेद |
Class 8 English Grammar Chapter 5 संज्ञा
संज्ञा से आप क्या समझते हैं?
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। जेसे-महात्मा गाँधी, डंडा, पोरबंदर, आजादी आदि संज्ञाएँ हैं। निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए:
- महात्मा गाँधी का जन्म पोरबंदर में हुआ था।
- वे सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।
- उनके बदन पर लंगोटी और हाथ में एक डंडा रहता था।
- उन्होंने भारत की आजादी के लिए कड़ा संघर्ष किया।
- उन्हें महात्मा तथा राष्ट्रपिता के नाम से जाना जाता है।
उपरोक्त वाक्यों में:
- महात्मा गाँधी एक विशेष व्यक्ति का नाम है।
- पोरबंदर तथा भारत स्थान के नाम हैं।
- लंगोटी और डंडा वस्तुओं के नाम हैं।
- आजादी, सत्य और अहिंसा गुणों के तथा महात्मा व राष्ट्रपिता उपाधियों के नाम हैं।
संज्ञा के प्रकार
संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद माने जाते हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा
जो संज्ञा शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध करवाते हैं, वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। सुभाषचंद्र बोस, महात्मा गाँधी आदि व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ है।
- (क). सविता पढ़ती है।
- (ख). यह लालकिला है।
- (ग). नेहरू जी प्रथम प्रधानमंत्री थे।
उपर्युक्त तीनों वाक्यों में से “सविता” और “नेहरू जी” विशेष व्यक्तियों के नाम हैं। “लालकिला” विशेष स्थान का नाम है। ऐसी संज्ञाएँ व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं।
जातिवाचक संज्ञा
जो संज्ञा शब्द एक ही प्रकार के व्यक्तियों, प्राणियों, वस्तुओं या स्थानों (के नाम )का बोध करवाते हैं उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। लड़का, गाय, फूल, गाँव आदि जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण हैं।
- सुनार आभूषण बना रहा है।
- शेर जंगल का राजा कहलाता है।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘सुनार’ शब्द समस्त सुनार जाति के लिए है, कोई भी सुनार हो सकता है। इसी प्रकार, दूसरे वाक्य में कोई भी शेर हो सकता है। ये दोनों शब्द अपनी संपूर्ण जाति का बोध करा रहे हैं। ऐसी संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं।
भाववाचक संज्ञा
जिन संज्ञा शब्दों से गुण, दोष, धर्म, दशा, व्यापार, चेष्टा, या मन के भाव का बोध हो, वे भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। मित्रता, बचपन, दया, बुराई आदि भाववाचक संज्ञाएँ हैं।
- भावना की वाणी बहुत कठोर है।
- गन्नों में मिठास है। ऊपर दो वाक्य दिए गए हैं।
पहले वाक्य में “कठोर” और दूसरे वाक्य में “मिठास” किसी वस्तु के दोष या गुण हैं। ये दोनों शब्द न तो व्यक्तिवाचक हैं और न ही जातिवाचक हैं। केवल हम इनका अनुभव करते हैं। ये शब्द मात्र हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं।
विशेष
- भाववाचक संज्ञा को देखा या छुआ नहीं जा सकता है।
- इनकी गणना करना असंभव है।
- इन्हें केवल अनुभव किया जा सकता है।
- इनकी रचना की जा सकती है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग
जब व्यक्तिवाचक संज्ञा किसी विशेष व्यक्ति का बोध कराने की अपेक्षा उस व्यक्ति के जैसे गुण-दोष वाले (असंख्य) व्यक्तियों का बोध कराती है तब वह जातिवाचक संज्ञा बन जाती है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा | व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग | जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग |
---|---|---|
विभीषण | विभीषण ने राम की शरण ली। | हमारे देश में विभीषणों की कमी नहीं है। |
हरिश्चंद्र | हरिश्चंद्र सत्यवादी राजा थे। | हरिश्चंद्रों की कमी से देश का पतन हो रहा है। |
कंस | कंस अत्याचारी था। | कंसों ने देश में हाहाकार मचा रखा है। |
जातिवाचक संज्ञा का व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग
जब जातिवाचक संज्ञा जाति-विशेष का बोध कराने की अपेक्षा किसी व्यक्ति विशेष का बोध कराती है, तब वह व्यक्तिवाचक बन जाती है, जैसे-
जातिवाचक संज्ञा | जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग | व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग |
---|---|---|
पंडितजी | पंडितजी ने हवन कराया। | पंडितजी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। |
नेताजी | नेताजी ने भाषण दिया। | नेताजी ने कहा था-“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।” |
महात्मा | हमारे यहाँ कई महात्मा पधारे हैं। | महात्मा (गाँधी)सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। |
भाववाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग
भाववाचक संज्ञा एकवचन में रहती है। इनका बहुवचन करते ही ये जातिवाचक संज्ञाएँ बन जाती हैं। जैसे- भाववाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग-
भाववाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग | जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग |
---|---|---|
आलस्य | आलस्य हमारा शत्रु है। | आलस्य से दूर रहना चाहिए। |
सफलता | परिश्रम सफलता की कुंजी है। | सफलताओं से अहंकार पैदा होता है। |
कुशलता | कुशलता जीवन की कसौटी है। | कुशलताओं से जीवन सँवरता है। |
भाववाचक संज्ञाओं के भेद
(क) मूल रूप से भाववाचक संज्ञाएँ
ऐसी भाववाचक संज्ञाओं की संख्या बहुत कम है- दुख, दया, क्रोध, ग्लानि, खेद, दया, ज्ञान, सुख, सत्य, मृत्यु, मरण आदि।
(ख) अन्य शब्दों से बनने वाली भाववाचक संज्ञाएँ
भाववाचक संज्ञाओं का निम्नलिखित पाँच प्रकार के शब्दों से भी निर्माण होता है
भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण-
- 1. जातिवाचक से
- 2. विशेषणों से
- 3. सर्वनामों से
- 4. क्रियाओं से
- 5. अव्ययों से
1. जातिवाचक संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
बालक | बालकपन |
लड़का | लड़कपन |
बच्चा | बचपन |
देव | देवत्व |
शिशु | शैशव |
बूढा | बुढ़ापा |
2. विशेषणों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
आलसी | आलस्य |
उदार | उदारता |
चतुर | चतुराई |
सरल | सरलता |
भारतीय | भारतीयता |
दुर्जन | दुर्जनता |
3. सर्वनामों से भाववाचक संज्ञाएँ बनानासर्वनाम
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
मम | ममत्व |
अहं | अहंकार |
अपना | अपनत्व |
सर्व | सर्वस्व |
निज | निजता |
आप | आपा |
4. क्रियाओं से भाववाचक संज्ञा बनाना क्रिया
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
पढ़ना | पढ़ाई |
रोना | रुलाई |
बोना | बुवाई |
चाल | चलना |
सीना | सिलाई |
बौखलाना | बौखलाहट |
5. अव्ययों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
अव्यय | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
निकट | निकटता |
मना | मनाही |
सदृश | सादृश्य |
वाह | वाहवाही |
ऊपर | ऊपरी |
समीप | समीपता |
स्मरणीय तथ्य
किसी वस्तु, प्राणी, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। निश्चित वस्तु, स्थान या व्यक्ति के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। एक ही जाति की अनेक वस्तुओं के नाम का बोध कराने वाली संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं। किसी व्यक्ति के गुण, दोष, भाव, दशा, अवस्था, स्वभाव आदि का बोध कराने वाली संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं। भाववाचक संज्ञाएँ पाँच प्रकार के शब्दों से बनती हैं-जातिवाचक संज्ञाओं से, सर्वनामों से, विशेषणों से, अव्ययों से और क्रिया से।