Class 8 Hindi Grammar Chapter 23 मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ (Muhavare evam Lokoktiyan). Hindi Vyakaran contents are updated for academic session 2024-25 state board as well as CBSE Board. All the contents are free to use online or download in PDF file format. Hindi Vyakaran contents for standard 8 are in simplified format so that students can understand easily. These are important not only for class tests but school terminal exams also.
कक्षा 8 हिन्दी व्याकरण पाठ 23 मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
कक्षा: 8 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 23 | मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ |
Class 8 Hindi Grammar Chapter 23 मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ क्या हैं?
जब कोई वाक्यांश या शब्द समूह अपना सामान्य अर्थ न देकर विशेष अर्थ व्यक्त करने लगता है तो उसे मुहावरा कहते हैं। यह वाक्यांश के रूप में प्रयोग होता है। इसके प्रयोग से भाषा में सरसता और रोचकता आ जाती है। मुहावरे और लोकोक्तियों के प्रयोग से हास्य, क्रोध, घृणा, प्रेम, ईर्ष्या आदि भावों का भी प्रकट सफलतापूर्वक किया जा सकता है। लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग करने से भाषा में निम्नलिखित गुणों की वृद्धि होती है:
- 1. वक्ता का आशय कम-से-कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है।
- 2. वक्ता में हृदयस्थ भावों को कम-से-कम शब्दों में प्रकट करने की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।
- 3. भाषा सबल, सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है।
लोकोक्तियों तथा मुहावरों का अर्थ और परस्पर अंतर
मुहावरा
मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “अभ्यास”। हिंदी में यह शब्द रूढ़ हो गया है, जिसका अर्थ है- लक्षणा या व्यंजना द्वारा, सिद्ध वाक्य का प्रयोग, जो किसी एक ही बोली या लिखी जाने वाली भाषा में प्रचलित हो और जिसका अर्थ प्रत्यक्ष अर्थ से विलक्षण हो।
लोकोक्ति
यह शब्द दो शब्दों से बना है- लोक + उक्ति। अर्थात् किसी क्षेत्र-विशेष में कही हुई बात। लोकोक्ति किसी प्रासंगिक घटना पर आधारित होती है। डा० वासुदेवशरण अग्रवाल के शब्दों में मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते हुए सूत्र हैं जिनसे बुद्धि और अनुभव की किरणों से सदा फूटने वाली ज्योति प्राप्त होती है।
मुहावरो के कुछ उद्धाहरण:
मुहावरा | अर्थ | वाक्य |
---|---|---|
कान का कच्चा होना | जो झूठी शिकायत पर ध्यान दे | हमारा नया अफसर कान का कच्चा है। अतः उससे सावधान रहना। |
कोल्हू का बैल | अत्यंत परिश्रमी | मजदूर रात-दिन कोल्हू के बैल की तरह जुटे रहने पर भी भरपेट रोटी खा नहीं सकते। |
कठपुतली बनना | दूसरों के इशारों पर नाचना | आजकल कई देश अमेरिका की कठपुतली बने हुए हैं। |
अंग-अंग मुस्कराना | बहुत प्रसन्न होना | परीक्षा में सर्वप्रथम आने पर उसका अंग-अंग मुस्करा रहा था। |
मुहावरो के कुछ अन्य उद्धाहरण:
- 1. कठपुतली बनना (दूसरों के इशारों पर नाचना)-आजकल कई देश अमेरिका की कठपुतली बने हुए हैं।
- 2. अँगूठा दिखाना (साफ इंकार करना)-हमें पूरा विश्वास था कि सेठ जी भूकंप पीड़ितों के लिए अधिक धन देंगे लेकिन उन्होंने तो सहायता के नाम पर अँगूठा दिखा दिया।
लोकोक्तियों के कुछ उद्धाहरण:
लोकोक्ति | अर्थ | वाक्यों में प्रयोग |
---|---|---|
आँख में धूल झोंकना | धोखा देना | तुमने उसकी आँखों में धूल झोंक दी। |
अपनी खिचड़ी अलग पकाना | सबसे पृथक काम करना | वह अपनी खिचड़ी अलग पकाता है। |
अंत भले का भला | अच्छे काम का परिणाम भी अच्छा होता है | सारी जिंदगी मोहन ईमानदारी से नौकरी करता रहा। इसी कारण आज उसके पास सब कुछ है। सच ही कहा है-अंत भले का भला। |
अंधा क्या चाहे दो आँखें | अभीष्ट प्राप्ति | मोहन कई सालों से कोशिश कर रहा था कि उसे यह जमीन मिल जाए। आखिर उसने उसे प्राप्त कर ही लिया, भाई अंधा क्या चाहे दो आँखें। |
लोकोक्तियों के कुछ अन्य उद्धाहरण:
- अंधों में काना राजा (अज्ञानी लोगों में अल्पज्ञानी ही महान ज्ञानी होता है)-पूरा गाँव तो निरक्षर है, सिर्फ रमेश ही कुछ पढ़-लिख सकता है। इसीलिए वही अकड़ में रहता है। ठीक ही कहा है अंधों में काना राजा।
- अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गईं खेत (अवसर निकल जाने पर पछताना व्यर्थ है)-पहले तो
परिश्रम नहीं किया, अब अनुत्तीर्ण होने पर रो रहे हो। अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गईं खेत। ।
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर
मुहावरा वाक्यांश है। इसका प्रयोग वाक्य में ही किया जाता है जबकि लोकोक्ति का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है। मुहावरा वाक्य का अंग होता है जबकि लोकोक्ति का अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है। जैसे:
- मुहावरा: कान का कच्चा होना (जो झूठी शिकायत पर ध्यान दे)-हमारा नया अफसर कान का कच्चा है। अतः उससे सावधान रहना चाहिए।
- लोकोक्ति: अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता (अकेला आदमी कोई बड़ा काम नहीं कर सकता)-अकेले मानसिंह ने आतंकवादियों को खत्म करना चाहा पर उनके पास बहुत हथियार थे। मानसिंह घायल हो गया। सच ही कहा है, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।