Class 8 Hindi Grammar Chapter 16 उपसर्ग एवं प्रत्यय (Upsarg evam Pratyay). All the contents related to Class 8 Hindi Vyakaran is updated for academic session 2024-25 based on CBSE as well as State Boards. There are suitable examples on each topic explaining the terms properly. These Hindi Vyakaran contents ensures scoring good marks in exams and getting a proper knowledge about उपसर्ग एवं प्रत्यय as well.

कक्षा 8 हिन्दी व्याकरण पाठ 16 उपसर्ग एवं प्रत्यय

कक्षा: 8 हिन्दी व्याकरण
अध्याय: 16 उपसर्ग एवं प्रत्यय

उपसर्ग किसे कहते हैं?

वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व जुड़कर अन्य विशेष अर्थ प्रकट करने वाले नए शब्द का निर्माण करते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। भाषा में शब्दों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। शब्दों के माध्यम से ही भाषा का जीवन चलता है। शब्द-निर्माण की दृष्टि से शब्दों को दो श्रेणियों में रखा जाता है:

    • 1. मूल शब्द
    • 2. व्युत्पन्न शब्द

मूल शब्द

मूल शब्द, रूढ़ शब्द ही है। व्युत्पन्न शब्द मुख्यतः उपसर्ग और प्रत्यय के योग से बनते हैं। उपसर्ग और प्रत्यय शब्द नहीं वरन् शब्दांश हैं। इस शीर्षक के अंतर्गत उपसर्ग, प्रत्यय और समास से बने शब्दों की रचना प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।
उपसर्ग वे वाक्यांश जो मूल शब्द (संज्ञा, विशेषण आदि) के पहले जुड़ते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। इनके योग से अर्थ में विशेषता आ जाती है। जैसे-

मूल शब्द उपसर्ग व्युत्पन्न (यौगिक) शब्द
दान आदान
दान प्र प्रदान
ज्ञान वि विज्ञान
गुण अव अवगुण

उपसर्गों को चार भागों में विभक्त किया जा सकता है:

    1. संस्कृत के उपसर्ग
    2. हिंदी के उपसर्ग
    3. उर्दू के उपसर्ग
    4. उपसर्ग के समान प्रयुक्त किए जाने वाले संस्कृत के अव्यय
संस्कृत के उपसर्ग
उपसर्ग अर्थ उदाहरण
नहीं, अभाव अज्ञान, अभाव, अधर्म, असमय
अप बुरा, हीन अपवाद, अपमान, अपयश, अपकार
अव बुरा, नीचे अवनति, अवतरण, अवगुण, अवतार
अति अधिक, ऊपर अतिरिक्त, अत्यंत, अतिकाल, अत्याचार
हिंदी के उपसर्ग
उपसर्ग अर्थ उदाहरण
अध आधा अधपका, अधमरा, अधजल, अधकचरा
अन रहित अनपढ़, अनबन, अनमोल, अनजान
रहित औढर, औगुन, औतार, औघट
नि रहित निकम्मा, निडर, निहत्था, निखटू
अरबी-फारसी के उपसर्ग
उपसर्ग अर्थ उदाहरण
कम थोड़ा कमउम्र, कमबढ़त, कमजोर, कमसमझ
गैर निषेध गैरमुल्क, गैरहाजिर, गैरकौम
खुश अच्छा खुशबू, खुशदिल, खुशमिजाज
दर में दरअसल, दरहकीकत
उपसर्ग की तरह प्रयोग होने वाले संस्कृत अव्यय
उपसर्ग अर्थ उदाहरण
अन निषेध अनर्थ, अनागत, अनादि
अधः नीचे अधःपतन, अधोमुख, अधोगति
अंतर अंदर अंतरात्मा, अंतर्राष्ट्रीय, अंतर्षांतीय
बहि बाहर बहिर्मुख, बहिर्गमन

प्रत्यय

ऐसे शब्द या शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्ययों से नए शब्द बनते हैं। जैसे- सब्जी + वाला = सब्जीवाला, दुकान + दार = दुकानदार सब्जी शब्द के अंत में “वाला” प्रत्यय लगने से नया शब्द “सब्जीवाला” बना। इसी प्रकार दुकान शब्द के अंत में “दार” प्रत्यय लगकर नया शब्द “दुकानदार” बना।

प्रत्यय के भेद

प्रत्यय मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

    1. कृत् प्रत्यय (क्रिया शब्दों में लगने वाले)
    2. तद्धित प्रत्यय (क्रिया से भिन्न शब्दों में लगने वाले)
कृत् प्रत्यय

जो प्रत्यय क्रिया के मूल रूप अर्थात् धातु के अंत में जुड़कर संज्ञा तथा विशेषण शब्दों की रचना करते हैं, उन्हें कृत् प्रत्यय कहा जाता है। कृत् प्रत्यय क्योंकि शब्द के अंत में लगते हैं, इसलिए इन्हें कृदंत (कृत् + अंत) भी कहा जाता है।

(क) भाववाचक संज्ञा बनाने वाले कृत् प्रत्यय
प्रत्यय मूल शब्द भाववाचक संज्ञाएँ
अंत भिड़, गढ़, लड़ भिड़त, गढ़त, लड़त
छाय, घेर छाया, घेरा
आई पढ़, लिख, जुत पढ़ाई, लिखाई, जुताई
आन थक, मिल, लग, चढ़ थकान, मिलान, लगान, चढ़ान
(ख) कर्ता का बोध कराने वाले कृत्
प्रत्यय मूल शब्द कर्तृवाचक संज्ञाएँ
अक् पाठ, गा, वाच पाठक, गायक, वाचक
आकू लड़, पढ़ लड़ाकू, पढ़ाकू
आक तैर, चाल तैराक, चालाक
आलू झगड़ झगड़ालू
(ग) करणवाचक संज्ञा बनाने वाले कृत्
प्रत्यय मूल शब्द करणवाचक संज्ञाएँ
भूल, घेर, ठेल, झूलभूला, घेरा, ठेला, झूला
रेत, फाँस रेती, फाँसी
झाड़, ढक, बेल झाड़न, ढक्कन, बेलन
नी मथ, धौंक, चल मथनी, चलनी, धौंकनी
(घ) विशेषण बनाने वाले कृत् प्रत्यय
प्रत्यय मूल शब्द विशेषण
अनीय निंद, पठ निंदनीय, पठनीय
आलु कृप, दया, श्रद्धा कृपालु, दयालु, श्रद्धालु
आऊ टिक, खा टिकाऊ, खाऊ
ऐरा लूट लुटेरा

तद्धित प्रत्यय

जो प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण के अंत में लगकर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

(क) भाववाचक संज्ञा बनाने वाले तद्धित प्रत्यय
प्रत्यय मूल शब्द भाववाचक संज्ञाएँ
आई चतुर, बुरा, भला चतुराई, बुराई, भलाई
आपा बूढा, मोटा बुढ़ापा, मोटापा
आस मीठा, खट्ठा मिठास, खटास
आहट कड़वा, गरम, चिकना कड़वाहट, गरमाहट, चिकनाहट
(ख) कर्तृवाचक संज्ञा बनाने वाले तद्धित प्रत्यय
प्रत्यय मूल शब्द कर्तृवाचक संज्ञाएँ
आर कुंभ, लोहा, सोना कुम्हार, लुहार, सुनार
वाला चूड़ी, फल, घर चूड़ीवाला, फलवाला, घरवाला
कार कला, कथा, पत्र कलाकार, कथाकार, पत्रकार
एरा साँप, लूट, चित सपेरा, लुटेरा, चितेरा
(ग) विशेषण बनाने वाले तद्धित प्रत्यय
प्रत्यय मूल शब्द विशेषण
आलु दया, झगड़ा दयालु, झगडालु
इत पुष्प, फल, हर्ष पुष्पित, फलित, हर्षित
धन, लोभ, जंगल धनी, लोभी, जंगली
ईन रंग, कुल रंगीन, कुलीन

दूसरी भाषाओं से आए प्रत्यय

(क) संस्कृत के कुछ तद्धित प्रत्यय
प्रत्यय मूल शब्द निर्मित शब्द
अक रक्षा, लेख, भक्ष, धाव रक्षक, लेखक, भक्षक, धावक
त्व लघु, महत, स्व, आत्म लघुत्व, महत्व, स्वत्व, आत्मत्व
ता लघु, महत्, गुरु, लघुता, महत्ता, गुरुता
(ख) उर्दू (अरबी-फारसी) से आए कुछ प्रत्यय
प्रत्यय मूल शब्द निर्मित शब्द
नाक दर्द, शर्म, खतर दर्दनाक, शर्मनाक, खतरनाक
दार समझ, माल, कर्ज समझदार, मालदार, कर्जदार
दानी चूहा, मच्छर चूहादानी, मच्छरदानी
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Last Edited: May 2, 2023