Class 7 Hindi Grammar Chapter 8 वचन (Vachan). Here we will learn about ekvachan and bahuvachan which are updated and modified for academic session 2024-25 State Board and CBSE Board. Practice with the definition, examples and conversion of ek vachan to bahu vachan or bahu vachan to ek vachan. These Vyakaran contents ensure you to score good marks in all of your exams.
शब्द के जिस रूप से एक या अनेक का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।
“वचन” शब्द का प्रयोग किसी के द्वारा कहे गए वाक्यों या बोलने के लिए किया जाता है। जैसे- अहिंसा परम धर्म है ये गाँधीजी के वचन हैं। किंतु व्याकरण में “वचन” शब्द का प्रयोग इन दोनों से अलग “संख्या” का बोध कराने के लिए होता है।
जैसे- लड़का दौड़ रहा है। लड़के दौड़ रहे हैं। लड़की गाना गा रही है। लड़कियाँ गाना गा रही हैं। हाथी ने पेड़ तोड़ा। हाथियों ने पेड़ तोड़े। इन वाक्यों में “घोड़ा”, “लड़की” तथा “हाथी” शब्द एक का और “घोड़े” “लड़कियाँ” तथा “हाथियों” शब्द एक से अधिक का बोध करा रहे हैं। इस प्रकार वचन के भेद हिंदी में दो वचन हैं:
1. एकवचन
2. बहुवचन
एकवचन
शब्द के जिस रूप से एक ही वस्तु या प्राणी का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं।
जैसे- माला, पुस्तक, कुत्ता, कपड़ा, बिल्ली आदि।
बहुवचन
शब्द के जिस रूप से अनेक वस्तुओं या प्राणियों का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं।
जैसे- मालाएँ, पुस्तकें, कुत्ते, कपड़े, बिल्लियाँ आदि।
एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग
1. आदरसूचक बहुवचन
आदर प्रकट करने के लिए एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है। जैसे:
(क) गुरुजी आ रहे हैं।
(ख) गाँधीजी हमारे राष्ट्रपिता हैं।
2. लोकव्यवहार
“तू” एकवचन है। इसका बहुवचन है “तुम”, किंतु लोकव्यवहार में “तुम” का प्रयोग एकवचन में होता हैं।
3. समुदायवाचक
लोग, गण, वृंद, समुदाय, जाति, दल आदि शब्द लगाकर मूल शब्द का बहुवचन के रूप प्रयोग किया जाता है। जैसे: हिंदू लोग, छात्रगण, पक्षी वृंद, सिख समुदाय, क्षत्रिय जाति, टिड्डी दल आदि।
बहुवचन के लिए एकवचन का प्रयोग किए जाने वाले शब्द
कई बार जातिवाचक शब्द एकवचन में ही बहुवचन का बोध कराते हैं। जैसे:
(क) शिमला का सेब प्रसिद्ध है।
(ख) मयंक के पास तीन हजार रुपया है।
सदैव एकवचन में प्रयोग किए जाने वाले शब्द
(क) धातु पदार्थों का ज्ञान कराने वाली जातिवाचक संज्ञाएँ- सोना, चाँदी, लोहा, पीतल, घी, ताँबा आदि।
कुछ संज्ञाओं जैसे- व्यक्तियों, वस्तुओं, स्थान आदि की गणना की जा सकती है, अर्थात् इन्हें गिना जा सकता है। जैसे- लड़के मालाएँ, आदमी, कुर्सियाँ आदि। इन्हें गणनीय संज्ञाएँ कहते हैं। कुछ संज्ञाएँ ऐसी होती हैं, जिन्हें गिना नहीं जा सकता, अपितु उन्हें नापा या तोला जा सकता है। जैसे: दूध, कपड़ा, मक्खन आदि। इन्हें अगणनीय संज्ञाएँ कहते हैं।
एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
1. अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “अ” के स्थान पर “एँ” करने से
एकवचन
बहुवचन
कलम
कलमें
आँख
आँखें
बात
बातें
पुस्तक
पुस्तकें
रात
रातें
2. “आ”, “उ” और “औ” अंत वाले स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में “एँ” प्रत्यय लगाने से
एकवचन
बहुवचन
कविता
कविताएँ
वस्तु
वस्तुएँ
लता
लताएँ
माता
माताएँ
गाथा
गाथाएँ
गौ
गौएँ
3. “आ” अंत वाले पुल्लिग शब्दों के अंत में “आ” के स्थान पर “ए” करने से
एकवचन
बहुवचन
लड़का
लड़के
शीशा
शीशे
रास्ता
रास्ते
पौधा
पौधे
संतरा
संतरे
लोटा
लोटे
वादा
वादे
इरादा
इरादे
4. “इ” या “ई” स्त्रीलिंग शब्दों के अंत मे “इ” या “ई” के स्थान पर इयाँ करने से
एकवचन
बहुवचन
तिथि
तिथियाँ
सखी
सखियाँ
जाति
जातियाँ
रीति
रीतियाँ
नदी
नदियाँ
टोपी
टोपियाँ
5. कुछ अकारांत शब्दों के अंत में अनुनासिक (चंद्रबिंदु) लगाने से
एकवचन
बहुवचन
खटिया
खटियाँ
चुहिया
चुहियाँ
बुढ़िया
बुढ़ियाँ
6. अनेक शब्दों के अंत में विशेष शब्द जोड़कर उनका बहुवचन बनाया जाता है
एकवचन
बहुवचन
पाठक
पाठकवर्ग
पक्षी
पक्षीवृंद
बालक
बालकगण
श्रोता
श्रोतागण
छात्र
छात्रवृंद
7. संबोधन के लिए प्रयुक्त शब्दों के अंत में “यो” अथवा “ओ” लगाया जाता है