Class 7 Hindi Grammar Chapter 34 डायरी लेखन (Dayari Lekhan). Learn here to write a Dayari of incidents happed day-to-day life. Sample Examples of Dayari Lekhan are given below to help the students. Contents are revised and simplified for academic session 2024-25 CBSE Board and State boards students free to use online or download in PDF format free.
Class 7 Hindi Grammar Chapter 34 डायरी लेखन
कक्षा 7 हिन्दी व्याकरण पाठ 34 डायरी लेखन
कक्षा: 7 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 34 | डायरी लेखन |
डायरी लेखन किसे कहते हैं?
हमारे आसपास और हमारे जीवन में अनेक घटनाएँ और नए-नए अनुभव होते हैं। इन्हें दैनिक या समय-समय पर क्रमबद्ध लिखते रहना डायरी-लेखन कहलाता है। डायरी लेखन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
1. दुर्गा पूजा देखने के पश्चात् डायरी लेखन
दिनांक 10 अक्तूबर 20XX इन दिनों दुर्गा पूजा की धूम सर्वत्र है। हमारे मोहल्ले में भी एक बहुत बड़े पंडाल में देवी दुर्गा की आराधना की जा रही है। पंडाल की साज-सज्जा तो विशेष रूप से दर्शनीय है। मैं भी अपनी सहेली वंदना के साथ महाष्टमी की पूजा देखने गई। वहाँ अनगिनत लोगों की भीड़ थी। मूर्ति के समीप तक पहुँचना बहुत मुश्किल था। फिर भी “पुष्पांजलि” के लिए हम किसी प्रकार आगे बढ़े और अपने हाथ में चंदन लगे फूल लेकर पुरोहित जी के मंत्रोच्चारण के साथ मंत्र पढ़कर देवी को “पुष्पांजलि” दी। एक अपूर्व आनंद से मन भर गया। फिर प्रसाद लेकर हमें कुछ देर बाद घर वापस आ गए। वास्तव में त्योहार हमारे मन में आनंद और उत्साह भर देते हैं।
2. वर्षा का वर्णन पर डायरी लेखन
दिनांक 15 जुलाई 20XX बहुत दिनों के बाद आज का मौसम बहुत अच्छा रहा। काली घटाएँ आसमान में घिर आई थीं। मैं अपने मित्रों के साथ लूडो खेल रहा था। अचानक मूसलाधार वर्षा होने लगी। माँ ने पकौड़े बनाए। सबने मिलकर खाए और वर्षा का खूब आनंद लिया। वर्षा का दृश्य अद्भुत आनंददायक होता है। बादलों की घटाएँ, वर्षा की बूंदों का संगीत, बिजली का चमकना। बारिश थमने पर आसमान में सतरंगी इंद्रधनुष निकल आया। हम सब मित्र बाहर बालकनी में आए और वहीं से इंद्रधनुष की अनुपम शोभा देखी। पेड़ों की डालियों से झरती बूंदें भी बहुत सुंदर लग रही थीं। वास्तव में प्रकृति के रंग निराले होते हैं।
3. विद्यालय के वार्षिकोत्सव के विषय में डायरी-लेखन
दिनांक 28 सितम्बर आज हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव था। मैं “कृष्ण लीला” 2019 नृत्य-नाटिका में कृष्ण बनी थी। पिछले बीस दिन से नृत्य अध्यापिका रीता तिवारी नृत्य का अभ्यास करा रही थी। मुझे बहुत चिंता लगी हुई थी। मुख्य भूमिका मेरी थी। मंच पर पहुँचने से पूर्व तक मैं घबरा रही थी। जैसे ही क्रार्यक्रम आरम्भ हुआ मुझे नृत्य करने के अतिरिक्त कुछ स्मरण न रहा। कालिया नाग-मर्दन प्रसंग में नृत्य करते समय मुझे लगा मानो मैं कृष्ण ही हूँ। सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। नृत्य समाप्त होते ही सोनिया मैडम ने मुझे गले से लगा लिया था। अत्यधिक प्रसन्नता से मैं रो पड़ी थी। मुझे सर्वश्रेष्ठ नर्तकी घोषित किया गया और पंडित आसकरण वैद नृत्य सम्मान के रूप में वैजयन्ती प्रदान की गई। आज का दिन मेरे जीवन का अविस्मरणीय दिन बन गया है।
4. मित्र के घायल होने पर डायरी-लेखन
25 नवम्बर 20XX रमन अस्पताल में है। उसे देखने अस्पताल गया था। वह अभी तक होश में नहीं आया था। प्रातः हमारी स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। सामने से आ रहे ट्रक ने बस को टक्कर मार दी थी। सात विद्यार्थियों को चोटें आयी थीं। रमन खिड़की के पास बैठा था। ट्रक वहीं आकर लगा था। इसलिए उसे सबसे अधिक चोटें लगीं। वह मेरा सबसे प्रिय मित्र है। मैं सारा दिन वहीं था। मैं अब भी घर न आता पर पिताजी अपने साथ ले आए हैं। डॉक्टर बता रहे थे कि चिंता की कोई बात नहीं है। उसके सिर का एक्स-रे ठीक आया है। मेरा मन घर पर बिल्कुल नहीं लग रहा। रात का खाना खाकर उसका पता करने जाऊँगा। प्रधानाचार्य, कई अध्यापिकाएँ और हमारी कक्षा के विद्यार्थी उसका हाल जानने आए थे। मेरी भगवान से यही प्रार्थना है कि रमन ठीक हो जाए।