Class 7 Hindi Grammar Chapter 3 संधि (Sandhi). Learn here about the Sandhi and Sandhi Vichchhed updated and revised for academic session 2024-25 CBSE and all State Boards. Contents are free to use without any login or registration. If you want to download contents to use it offline, download links are given with online options.
बोलने की प्रक्रिया में द्रुत उच्चारण में एक के बाद एक में आने वाली दो ध्वनियों (वर्णों) में परस्पर निकटता होती है। प्रत्येक वर्ण का उच्चारण स्थान निश्चित है, इसलिए यह निकटता एक विशेष रूप में दिखाई देती है। पूर्व पद की अंतिम ध्वनि और दूसरे पद की प्रथम ध्वनि में परस्पर विकार संबंधी प्रक्रिया होती है। इसे ही संधि कहते हैं। संधि होने का मूल कारण है भाषा-प्रवाह।
उपर्युक्त शब्दों में पहले शब्द की अंतिम ध्वनि (वर्ण) तथा दूसरे शब्द की पहली ध्वनि (वर्ण) के मिलने से जिस अन्य वर्ण ने स्थान लिया है, वह ध्वनियों के मेल से बना है। परिभाषाः ध्वनियों की परस्पर निकटता के कारण इनके आपसी मेल से उत्पन्न विकार को संधि कहते हैं।
स्वर संधि: स्वर + स्वर
व्यंजन संधि: व्यंजन + व्यंजन, व्यंजन + स्वर, स्वर + व्यंजन
स्वर के साथ स्वर का मेल होने से जो विकार होता है, वह स्वर संधि कहलाता है।
हृस्व और दीर्घ समान स्वरों के निकट आने पर दीर्घ स्वर संधि होती है।
संधि के चिह्न (+) के उपरांत का स्वर मात्रा में बदल जाता है।
(क) यदि “इ” या “ई” के बाद “इ” या “ई” को छोड़कर कोई दूसरा स्वर हो, तो “इ” या “ई” का “य” हो जाता है।
(ख) यदि “उ” या “ऊ” के बाद “उ” या “ऊ” को छोड़कर कोई दूसरा स्वर हो, तो “उ” या “ऊ” का “व्” हो जाता है।
(ग) यदि “ऋ” के बाद अन्य कोई स्वर हो, तो “ऋ” का “र” हो जाता है:
(क) यदि “ए” के बाद अन्य स्वर हो, तो “ए” का “अय्” हो जाता है:
(ख) यदि “ऐ” के बाद अन्य स्वर हो, तो “ऐ” का “आय” हो जाता है:
व्यंजन के बाद व्यंजन या स्वर आने से जो परिर्वतन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं। व्यंजन + व्यंजन, व्यंजन + स्वर, स्वर + व्यंजन आने पर व्यंजन संधि होती है।
1. (क) यदि क्, च्, ट्, त्, प् के बाद कोई स्वर, किसी भी वर्ग का तीसरा, चौथा वर्ण या य, र, ल, व्, ह हो तो क्, च्, ट्, त्, प् का क्रमशः ग्, ज्, ड्, द्, ब् हो जाता है। जैसे:
(ख) यदि क्, च्, ट्, त्, प् के बाद किसी भी वर्ग का पाँचवाँ वर्ण हो, तो क्, च्, ट्, त्, प् अपने वर्ग के पाँचवें वर्ण में बदल जाता है। जैसे:
2. (क) यदि म् के बाद क् से लेकर म् तक का कोई वर्ण हो, तो म् उस वर्ग के पाँचवें वर्ण या अनुस्वार (‘) में बदल जाता है। जैसे:
(ख) यदि म् के बाद य, र, ल, व्, श्, ए, स्, ह् हो तो म् का अनुस्वार () हो जाता है। जैसे:
विसर्ग (:) के बाद स्वर या व्यंजन आने पर जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
(क) यदि विसर्ग के पहले अ हो तथा विसर्ग के बाद अ, किसी भी वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ वर्ण या य्, र्, ल, व्, ह् में से कोई वर्ण हो, तो विसर्ग का ‘ओ’ हो जाता है। जैसे:
यशः + अभिलाषी = यशोभिलाषी
(ख) यदि विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई दूसरा स्वर हो तथा विसर्ग के बाद कोई स्वर, किसी भी वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ वर्ण या य, र, ल, व्, ह् में से कोई वर्ण हो, तो विसर्ग का “र” हो जाता है। जैसे:
1. निः + आशा = निराशा
2. दु: + जन = दुर्जन