Class 7 Hindi Grammar Chapter 24 शब्द रचनाः प्रत्यय (Shabd Rachana – Pratyay). Learn here about Pratyay and the words forming by Pratyay from the main words for CBSE and State Boards. All the contents are in updated and modified for new academic session 2024-25 free to use without any formality like login or registration. Examples and explanations given here ensure students to score good marks in school assessments.
Class 7 Hindi Grammar Chapter 24 शब्द रचनाः प्रत्यय
कक्षा 7 हिन्दी व्याकरण पाठ 24 प्रत्यय से शब्द रचना
कक्षा: 7 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 24 | शब्द रचना: प्रत्यय |
प्रत्यय किसे कहते हैं?
जो शब्द या शब्दांश किसी मूल शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ परिवर्तन करता है, उसे प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय की प्रमुख विशेषताएँ:
- (क) प्रत्यय शब्द के अंत में जोड़े जाते हैं।
- (ख) इसके प्रयोग से मूल अर्थ परिवर्तित हो जाते हैं।
- (ग) इनका अपना स्वतंत्र अर्थ नहीं होता है।
शब्द | अर्थ |
---|---|
पढ़ाई | अध्ययन |
पढ़ने वाला | जो पढ़ रहा है |
लुटेरा | लूटने वाला, डाकू |
लिखावट | लिखे हुए शब्द |
उपर्युक्त शब्दों के अध्ययन से स्पष्ट है कि मूल शब्दों के अंत में कुछ शब्दांश जुड़कर अर्थ परिवर्तन कर रहे हैं। जैसे- “पढ़” मूल शब्द में “आई” से पढ़ाई और “पढ़” में ही “वाला” जुड़ने से “पढ़ने वाला’ शब्द निर्मित हो रहा है। हिंदी में मुख्यतः दो प्रकार के प्रत्यय होते हैं:
- कृत् प्रत्यय
- तद्धित प्रत्यय
कृत् प्रत्यय
जो प्रत्यय धातुओं के अंत में जुड़ते हैं, उन्हें कृत् प्रत्यय कहते हैं। कृत् प्रत्यय से बने शब्दों को कृदंत कहते हैं। कृत् प्रत्यय को निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है:
क. कर्तृवाचक कृदंत
जिन प्रत्ययों से क्रिया के करने वाले अर्थात् कर्ता का बोध हो, उन्हें कर्तृवाचक कृदंत कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
लूट | एरा | लुटेरा |
बस | एरा | बसेरा |
लड़ | आका | बसेरा |
उड़ | आका | उड़ाका |
पालन | हार | पालनहार |
होना | हार | होनहार |
ख. कर्मवाचक कृदंत
जिन प्रत्ययों से बने शब्दों से किसी कर्म का बोध हो, उन्हें कर्मवाचक कृदंत कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
खेल | औ | खिलौना |
बिछ | औ | बिछौना |
खा | ना | खाना |
झूल | ना | झूलना |
ग. भाववाचक कृदंत
जिन कृत् प्रत्ययों से बने शब्दों के भाव अर्थात् क्रिया का बोध हो, उन्हें भाववाचक कृदंत कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
फैल | आव | फैलाव |
चढ़ | आव | चढ़ाव |
भूल | आवा | भुलावा |
छल | आवा | छलावा |
लिख | आई | लिखाई |
पढ़ | आई | पढ़ाई |
मिल | आवट | मिलावट |
सज | आवट | सजावट |
घ. करणवाचक कृदंत
जिन कृत प्रत्ययों से बने शब्दों से क्रिया के साधन यानि करण का बोध हो, उन्हें करणवाचक कृदंत कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
बेल | अन | बेलन |
ढक | अन | ढक्कन |
झूल | ना | झूलना |
घेर | ना | घेरना |
ङ. क्रियावाचक कृदंत
जिन प्रत्ययों से बने शब्दों से क्रिया होने का भाव प्रकट हो, उन्हें क्रियावाचक कृदंत कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
खा | आऊ | खाऊ |
चाल | आऊ | चालू |
पढ़ | अनीय | पढ़नीय |
निंद | अनीय | निंदनीय |
सो | या | सोया |
पी | या | पीया |
2. तद्धित प्रत्यय
जो प्रत्यय, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय आदि के अंत में जुड़कर नए शब्द बनाते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं। तद्धित प्रत्यय को निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है:
क. कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
जो प्रत्यय किसी कार्य के करने वाले का बोध करता है, उसे कर्तृवाचक तद्धित कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
कहानी | कार | कहानीकार |
पत्र | कार | पत्रकार |
लोहा | आर | लुहार |
सोना | आर | सुनार |
ईमान | दार | ईमानदार |
दुकान | दार | दुकानदार |
ख. भाववाचक तद्धित प्रत्यय
जिन प्रत्ययों के जुड़ने से शब्द भाववाचक संज्ञा बन जाते हैं उन्हें भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
भला | आई | भलाई |
बुना | आई | बुनाई |
मीठा | आस | मिठास |
खट्टा | आस | खटास |
अरुण | इमा | अरुणिमा |
लाली | इमा | लालिमा |
ग. संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय
जो प्रत्यय संबंध का बोध कराते हैं, उन्हें संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
बंगाल | ई | बंगाली |
मद्रास | ई | मद्रासी |
चाचा | एरा | चचेरा |
मामा | एरा | ममेरा |
धर्म | इक | धार्मिक |
अर्थ | इक | आर्थिक |
घ. गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
जिस प्रत्यय से गुण का बोध हो, उसे गुणवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय | उदाहरण |
---|---|---|
भूख | आ | भूखा |
प्यास | आ | प्यासा |
धन | ई | धनी |
क्रोध | ई | क्रोधी |
दया | लु | दयालु |
श्रद्धा | लु | श्रद्धालु |
उपसर्ग तथा प्रत्यय का एकसाथ प्रयोग
उपसर्ग | मूल शब्द + प्रत्यय | निर्मित शब्द |
---|---|---|
अनु | करण + ईय | अनुकरणीय |
नि | डर + ता | निडरता |
दुस् | साहस + ई | दुस्साहसी |
अप | मान + इत | अपमानित |
सु | गंध + इत | सुगंधित |
स | फल + ता | सफलता |
दो प्रत्ययों का एकसाथ प्रयोग
कभी-कभी दो प्रत्ययों का एकसाथ प्रयोग किया जाता है। जैसे:
मूल शब्द | प्रत्यय + प्रत्यय | निर्मित शब्द |
---|---|---|
पी | आस आ | प्यासा |
बच्चा | पन आ | बचपना |
बन | आवट ई | बनावटी |
तैर | आक ई | तैराकी |
स्मरणीय तथ्य
- जो शब्द या शब्दांश किसी मूल शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ परिवर्तन करता है, उसे प्रत्यय कहते हैं।
- प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं- कृत् प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय।
- कभी-कभी एक शब्द में दो प्रत्ययों का प्रयोग किया जाता है।