Class 7 Hindi Grammar Chapter 15 काल (Kaal). Learn here about Kaal and Kaal ke bhed like Vartmaan Kaal, Bhoot Kaal and Bhavishya Kaal revised and modified for session 2024-25. These contents of Hindi Vyakaran is based on CBSE Syllabus and State board Curriculum. Students of UP Board, MP Board, Gujrat and other state board can take the benefits of these Vyakaran contents.
Class 7 Hindi Grammar Chapter 15 काल
कक्षा 7 हिन्दी व्याकरण पाठ 15 काल
कक्षा: 7 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 15 | काल तथा उसके भेद |
काल
क्रिया के जिस रूप से उसके होने के समय का पता चलता है, उसे काल कहते हैं।
निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से पढ़िए:
- लालबहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री थे।
- प्रणव खेल रहा है।
- आयुष कल आगरा जाएगा।
उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया के होने के अलग-अलग कालों (समय) का बोध हो रहा है। इससे हमें समय के तीन रूपों का ज्ञान होता है। इसलिए समय या काल को तीन भागों में बाँटा जा सकता है।
काल के भेद
काल के तीन भेद होते हैं:
- 1. वर्तमान काल
- 2. भूतकाल
- 3. भविष्यत काल
वर्तमान काल
क्रिया के जिस रूप से उसके वर्तमान में होने का पता चलता है, उसे वर्तमान काल कहते हैं। जैसे:
- (क) प्रणव गाना गा रहा है।
- (ख) अंशु स्वेटर बुन रही है।
- (ग) प्रकाश गेंद खेल रहा है।
- (घ) श्रेया पुस्तक पढ़ रही है।
उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया पदों से कार्य के वर्तमान समय में होने का बोध होता है। इसलिए इन्हें वर्तमान काल की क्रिया कहते हैं।
वर्तमान काल के भेद
इसके तीन भेद होते हैं:
- 1. सामान्य वर्तमान काल
- 2. अपूर्ण वर्तमान काल
- 3. संदिग्ध वर्तमान काल
सामान्य वर्तमान काल
जो क्रिया वर्तमान में सामान्य रूप से होती है, उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं। जैसे:
- (क) पंकज गाना गाता है।
- (ख) मैं विद्यालय जाता हूँ।
- (ग) वह कहाँ जाता है?
- (घ) गाय दूध देती है।
अपूर्ण वर्तमान काल
जो क्रिया वर्तमान में हो रही होती है, यानी क्रिया संपन्न नहीं हुई है, उसे अपूर्ण वर्तमान काल कहते हैं। जैसे:
(क) कमल गाना गा रहा है।
(ख) मैं विद्यालय जा रहा हूँ।
(ग) नेहा मंदिर में प्रार्थना कर रही है।
गा रहा है, जा रहा है, कर रही है। ये क्रियाएँ वर्तमान काल में हो रही हैं, ये अभी पूर्ण नही हुईं, इसलिए ये अंपूर्ण वर्तमान काल की क्रियाएँ हैं।
संदिग्ध वर्तमान काल
जिस क्रिया से यह पता चले कि कार्य वर्तमान समय में हो रहा है परंतु उसके पूर्ण होने में संदेह है, उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं। जैसे:
(क) प्रणव नाश्ता कर रहा होगा।
(ख) नेहा पढ़ रही होगी।
(ग) अंशु खाना बना रही होगी।
रही होगी। रहा होगा, रही होगी, इन क्रियाओं के होने में संदेह है। अतः यह संदिग्ध वर्तमान काल की क्रियाएँ हैं।
भूतकाल क्रिया
बीते हुए समय को भूतकाल कहते हैं। के जिस रूप से कार्य के हो जाने का पता चलता है, उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे:
- (क) आलोक हैदराबाद गया था।
- (ख) युवक ने गीत गाया था।
- (ग) अंशु जाग रही थी।
भूतकाल के भेद
भूतकाल के छह भेद होते हैं:
1. सामान्य भूतकाल
2. आसन्न भूतकाल
3. पूर्ण भूतकाल
4. अपूर्ण भूतकाल
5. संदिग्ध भूतकाल,
6. हेतुहेतुमद भूतकाल
सामान्य भूतकाल
जब क्रिया सामान्य रूप से भूतकाल में होती है, उसे सामान्य भूत कहते हैं। सामान्य भूत में क्रिया के भूतकाल में होने का बोध होता है। इसमें क्रिया कब पूर्ण हुई थी, इसका पता नहीं चलता हैं। जैसे:
- (क) नेहा गयी।
- (ख) तुमने खाया।
- (ग) उसने पढ़ा।
आसन्न भूतकाल
जब क्रिया अभी-अभी पूरी हुई हो, उसे आसन्न भूत की क्रिया कहते हैं। “आसन्न” का अर्थ निकट होता है। आसन्न भूतकाल की क्रिया में हूँ, हैं, हैं और हो लगता हैं। जैसे:
- (क) रमन जा चुका है।
- (ख) करीम ने खा लिया है।
- (ग) मैं नहा कर आया हूँ।
पूर्ण भूतकाल
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य भूतकाल में पूरा हो गया था, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं। जैसे:
- (क) मैंने कहानी लिखी थी।
- (ख) अर्जुन ने जयद्रथ को मारा था।
- (ग) उसने पुस्तक खरीदी थी।
इन वाक्यों की क्रियाओं, लिखी थी, मारा था, खरीदी थी से उनके भूतकाल में पूर्ण हो जाने का पता चलता है। ये पूर्ण भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
अपूर्ण भूतकाल
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया भूतकाल में हो रही थी किंतु अभी उसकी समाप्ति नहीं हुई, उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं। जैसे:
- (क) लड़के खेल रहे थे।
- (ख) नीता आ रही थी।
- (ग) परीक्षा चल रही थी।
खेल रहे थे, आ रही थी, चल रही थी। इन क्रियाओं से कार्य के अतीत में आरंभ हो कर अभी पूरा न होने का पता चलता है। ये अपूर्ण भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
संदिग्ध भूतकाल
क्रिया के जिस रूप से भूतकाल का बोध तो हो, किंतु क्रिया (कार्य) के होने में संदेह हो, उसे सदिग्ध भूतकाल कहते हैं। जैसे:
(क) मनोज आया होगा।
(ख) तुमने रामायण पढ़ी होगी।
(ग) छात्रावास में छात्र सो गए होंगे।
(घ) नेहा ने खा लिया होगा।
इन वाक्यों की क्रियाओं- आया होगा, पढ़ी होगी, सो गए होंगे और खा लिया होगा, से भूतकाल में काम के पूरा होने में संदेह है। अतः ये संदिग्ध भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
हेतुहेतुमद भूतकाल
जिन क्रिया पदों से क्रिया के होने का संकेत मिले किंतु क्रिया न हो पाए, वह हेतुहेतुमद भूतकाल कहलाता है। जैसे:
(क) अगर नीतू पढ़ती तो अवश्य पास होती।
(ख) यदि वह आता तो मैं जाता।
(ग) यदि वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।
(घ) यदि माता जी होती तो खाना बना देतीं।
इन वाक्यों की एक क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर है। यदि पहली क्रियाएँ भूतकाल में होती तो दूसरी भी हो जाती। ये हेतु हेतुमद भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
भविष्यत काल
क्रिया के जिस रूप से कार्य के भविष्य में होने का पता चले अर्थात् भविष्य का बोध हो, उसे भविष्यत काल कहते हैं। जैसे:
(क) लड़के फुटबॉल खेलेंगे।
(ख) वह कल घर जाएगा।
(ग) तुम किताब पढ़ोगे।
वाक्यों में खेलेंगे, जाएगा, पढ़ोगे आदि क्रिया शब्द कार्य का आने वाले समय में होने का बोध कराते हैं, अतः ये समस्त वाक्य भविष्यत काल के हैं।
भविष्यत् काल के भेद
भविष्यत् काल के दो भेद होते हैं:
1. सामान्य भविष्यत् काल
2. संभाव्य भविष्यत् काल
सामान्य भविष्यत् काल
क्रिया के जिस रूप से कार्य के भविष्य में सामान्य रूप से होने का बोध हो, उसे सामान्य भविष्यत् कहते हैं। जैसे:
(क) मोहन घर जाएगा।
(ख) विद्यालय बंद रहेगा।
(ग) तुम मेरे साथ चलोगे।
इन वाक्यों में आए शब्द जाएगा, रहेगा, चलोगे, भविष्य में सामान्य रूप से क्रिया के होने की सूचना देते हैं। ये सामान्य भविष्यत् काल की क्रियाएँ हैं।
सम्भाव्य भविष्यत् काल
क्रिया के जिस रूप से उसके भविष्य में होने की सम्भावना का पता चले, उसे सम्भाव्य भविष्यत् काल कहते हैं। जैसे:
- (क) दादी शायद कल खिलौने लाए।
- (ख) शायद पड़ोसी से समझौता हो जाए।
- (ग) संभवतः वह विद्यालय आए।
- (घ) शायद मैं कल वहाँ जाऊँ।
इन वाक्यों की क्रियाओं लाए, जाए, आए, और जाँऊ के द्वारा इनके भविष्य में होने की संभावना है। ये क्रियाएँ निश्चित रूप से होंगी, ऐसा नहीं कहा जा सकता। इसलिए ये संभाव्य भविष्यत् काल की क्रियाएँ हैं।