Class 7 Hindi Grammar Chapter 14 क्रिया (Kriya). Here we will discuss about Kriya and Kriya ke Bhed modified and updated for academic session 2024-25 CBSE and State Boards free to use. Examples of various terms related to क्रिया and Kriya ke bhed like Akarmak kriya, sakarmak kriya, ekkarmak and dwikarmak. This webpage provides the complete descriptions of Kriya for students of class 7.

कक्षा 7 हिन्दी व्याकरण पाठ 14 क्रिया

कक्षा: 7 हिन्दी व्याकरण
अध्याय: 14 क्रिया

क्रिया

क्रिया जिन पदों से किसी कार्य के होने, करने अथवा किसी स्थिति का बोध हो, उन्हें क्रिया पद कहते हैं। क्रिया शब्द का अर्थ है “करना”। जैसे:

    • 1. पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं।
    • 2. पेड़ टूट गया है।
    • 3. खरगोश गाजर खा रहा है।

उपर्युक्त वाक्यों में उड़ रहे हैं, टूट गया है, खा रहा है आदि पदों से कुछ करने या होने का बोध हो रहा है।
धातु-क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। जैसे- पढ़, जा, खेल, देख, सुन, गा आदि।
धातु में “ना” प्रत्यय जोड़ने से क्रिया का सामान्य रूप बनाया जाता है। जैसे- पढ़ + ना = पढ़ना, जा + ना = जाना, खेल + ना = खेलना, देख + ना = देखना, सुन + ना = सुनना

क्रिया भेद

क्रिया के निम्नलिखित दो भेद हैं:

    • 1. अकर्मक क्रिया
    • 2. सकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया

वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की आवश्यकता नहीं होती, अकर्मक क्रिया कहलाती है। इसमें क्रिया का प्रभाव सीधे कर्ता पर पड़ता है। जैसे:

    • (क) राकेश खेलता है।
    • (ख) अमन दौड़ता है।

उपर्युक्त वाक्यों में “खेलता है”, “दौड़ता है” क्रिया पदों के साथ कर्म नहीं है। क्रिया का फल अथवा प्रभाव कर्ता पर पड़ता है।

सकर्मक क्रिया

वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की आवश्यकता होती है, सकर्मक क्रिया कहलाती है। सकर्मक क्रिया कर्म के बिना अपना भाव पूर्ण रूप से प्रकट नहीं कर पाती। जैसे:

    • (क) मामा जी बाजार जाते हैं।
    • (ख) सोनिया खाना खाती है।

उपर्युक्त वाक्यों में जाते हैं, “खाती है” क्रियाओं का फल क्रमशः सोनिया, मामा जी, पर न पड़कर बाजार, खाना पर पड़ रहा है। बाजार, खाना कर्म हैं। ये सभी सकर्मक क्रियाएँ हैं।

सकर्मक क्रिया के भेद

सकर्मक क्रिया के निम्नलिखित दो भेद हैं:

    • (क) एककर्मक क्रिया
    • (ख) द्विकर्मक क्रिया
एककर्मक क्रिया

जिन क्रियाओं का एक ही कर्म होता है, एककर्मक क्रिया कहलाती है। जैसे:

    1. वह पुस्तक पढ़ता है।
    2. यहाँ ‘पुस्तक’ एक ही कर्म है।
द्विकर्मक क्रिया

जिन सकर्मक क्रियाओं के दो कर्म हों, उन्हें द्विकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे:
पिता ने पुत्र को पुस्तक पढ़ाई।
यहाँ “पुत्र” और “पुस्तक” दो कर्म हैं।

प्रयोग और संरचना की दृष्टि से क्रिया के भेद

प्रयोग और संरचना की दृष्टि से क्रियाएँ छह प्रकार की होती हैं:

    • (क) प्रेरणार्थक क्रिया
    • (ख) संयुक्त क्रिया
    • (ग) नामधातु क्रिया
    • (घ) कृदंत क्रिया
    • (ङ) सामान्य क्रिया
    • (च) पूर्वकालिक क्रिया
प्रेरणार्थक क्रिया

जब स्वयं कार्य न करके किसी अन्य को कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं, वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया होती है। जैसे: करना से करवाना, देना से दिलवाना।

प्रेरणार्थक क्रिया में दो कर्ता होते हैं:
(क) एक प्रेरक कर्ता
(ख) दूसरा प्रेरित कर्ता

जैसे:
पिता पुत्र से पत्र लिखवाता है। यहाँ प्रेरक कर्ता – पिता, प्रेरित कर्ता – पुत्र

प्रेरणार्थक क्रिया के दो रूप
मूलधातु प्रथम प्रेरणार्थक द्वितीय प्रेरणार्थक
सुनना सुनाना सुनवाना
पढ़ना पढ़ानापढ़वाना
करना करानाकरवाना
पीना पिलाना पिलवाना
सीना सिलाना सिलवाना
लिखना लिखाना लिखावाना

संयुक्त क्रिया

दो या दो से अधिक धातुओं के योग से बनी क्रिया संयुक्त क्रिया कहलाती है। जैसे: मैं यह काम कर चुका हूँ। रमन घर जा रहा है। यहाँ पहले वाक्य में कर चुका, और दूसरे वाक्य में जा रहा, दो-दो क्रियाओं का संयोग है। इनमें दो क्रियाओं के मेल से पूर्ण क्रियाएँ बनी होती हैं।

विशेष

यदि सहायक क्रिया अकर्मक हो तो, “संयुक्त क्रिया” भी अकर्मक कहलाती है और यदि सहायक क्रिया, सकर्मक हो तो, “संयुक्त क्रिया” भी सकर्मक कहलाएगी।

नामधातु क्रिया

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों में “ना” प्रत्यय जोड़कर बनने वाली क्रियाएँ, नामधातु क्रियाएँ कहलाती हैं। जैसे:

नामधातु नामधातु क्रियाएँ
झनझन झनझनाना
तोतला तुतलाना
बात बतियाना
शर्म शरमाना
रंग रँगना
अपना अपनाना

कृदंत क्रिया

जो क्रियाएँ धातु में प्रत्यय लगाकर बनाई जाती हैं, वे कृदंत क्रियाएँ कहलाती है। हिंदी में मुख्य तीन प्रकार की कृदंत क्रियाएँ हैं।
1. वर्तमान कृदंत क्रियाएँ: देख + ता = देखता, चल + ता = चलता, पढ़ + ता = पढ़ता
2. भूतकालिक कृदंत क्रियाएँ: दौड़ + आ = दौड़ा, देख + आ = देखा, चल + आ = चला
3. पूर्वकालिक कृदंत क्रियाएँ: देख + कर = देखकर, चल + कर = चलकर, दौड़ + कर = दौड़कर

सामान्य क्रिया

जहाँ एक ही क्रिया का प्रयोग होता है, उसे सामान्य क्रिया कहते हैं। जैसे: मोहित सोया। आकाश रोया।

पूर्वकालिक क्रिया

किसी क्रिया से पूर्व यदि कोई अन्य क्रिया प्रयुक्त होती है, तो वह पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है। जैसे: अमन अभी सोकर उठा है। शुरेश खाना खाकर स्कूल गया।

स्मरणीय तथ्य

    1. जिस शब्द से किसी कार्य का होना या करना व्यक्त हो, उसे क्रिया कहते हैं।
    2. क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। जो शब्द काल आदि का बोध करने में क्रिया की सहायता करते हैं, उन्हें सहायक क्रिया कहते हैं।
    3. कर्म की दृष्टि से क्रिया के दो भेद हैं: अकर्मक और सकर्मक।
    4. सकर्मक में कर्म होता है जबकि अकर्मक क्रिया में कर्म नहीं होता।
    5. संरचना की दृष्टि से क्रिया के पाँच भेद हैं: संयुक्त क्रिया, प्रेरणार्थक क्रिया, नामधातु क्रिया, कृदंत क्रिया और सामान्य क्रिया।
Class 7 Hindi Grammar Chapter 14 क्रिया
Class 7 Hindi Grammar Chapter 14
Last Edited: June 22, 2023