Class 6 Hindi Grammar Chapter 26 विराम-चिह्न (Viram Chinh). Here we will learn about different type of stop signs in Hindi like Purn Viram, Ardh Viram, Alp Viram, etc. Contents are prepared and updated according to class 6 Hindi Vyakaran for academic session 2024-25. The explanation and examples of each type of विराम-चिह्न are given here, so that student can prepare well for exams.

कक्षा 6 के लिए हिन्दी व्याकरण – विराम चिन्ह

कक्षा: 6 हिन्दी व्याकरण
अध्याय: 26 विराम चिन्ह

विराम-चिह्न

“विराम” का अर्थ है “रुकना”, चिह्न” का अर्थ है “निशान”। अपनी बात को पूरी तरह स्पष्ट करने के लिए लिखते समय हम रुकने आदि के चिह्न (,। ” “) लगाते हैं। इन्हें विराम चिह्न कहते हैं।
उदाहरण-
रोको, मत जाने दो।
रोको मत, जाने दो।
ऊपर के दोनों वाक्यों में अल्प-विराम के कारण अर्थ में भारी अंतर आ गया है।

हिंदी में प्रयुक्त विराम-चिह्न

विराम-चिह्न का नाम विराम-चिह्न
पूर्ण विराम [।]
अर्धविराम [;]
अल्पविराम [,]
योजक चिह्न [-]
निर्देशक-चिह्न [-]
विवरण-चिह्न [ :, :- ]
विराम-चिह्न का नाम विराम-चिह्न
विस्मयादिबोधक चिह्न [!]
प्रश्नवाचक चिह्न [?]
उद्धरण चिह्न (“”, ‘‘)
कोष्ठक-चिह्न [()]
संक्षेपसूचक या लाघव चिह्न [०]
हंसपद या त्रुटिसूचक चिह्न [^]
पूर्ण विराम (।)

वाक्य के पूर्ण होने पर अर्थात् एक भाव या विचार की पूर्णता पर पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है। वाक्य चाहे छोटा हो या बड़ा, पूर्ण विराम उसके अंत में ही आता है। यथा-
क. मेरे विद्यालय का पुस्तकालय बहुत बड़ा है।
ख. अमन खेल रहा है।

अर्ध विराम (;)

पूर्णविराम और अल्पविराम के मध्य का चिह्न “अर्धविराम” है। इसमें पूर्णविराम से कम समय तथा अल्पविराम से अधिक रुकना पड़ता है। जैसे-
क. रात बीती; सवेरा हुआ; चिड़िया चहचहाने लगी।

अल्पविराम (,)

अन्य सभी विराम चिह्नों की अपेक्षा अल्पविराम का प्रयोग सर्वाधिक होता है। इसका प्रयोग प्रायः वाक्य में ऐसी जगह होता है, जहाँ एक जैसे कई शब्द हों अथवा अल्पकाल के लिए रुकना होता है। जैसे- मैं कहानी, उपन्यास, नाटक और एकांकी सभी कुछ पढ़ता हूँ।

योजक चिह्न (-)

जब दो या दो से अधिक समान अर्थ वाले विपरीतार्थक, पुनरावृत्ति वाले शब्दों को मिलाना हो तब योजक चिह्न का प्रयोग होता है। जैसे-
क. माता-पिता,
ख. बाप-बेटा,
ग. रात-दिन

निर्देशक चिह्न (-)

इस चिह्न का प्रयोग कोई विवरण देने अथवा विवरण प्रस्तुत करने के समय होता है। जैसे- इस पत्रिका में सभी विधाओं का साहित्य-कविता, कहानी, निबंध आदि प्रकाशित होता है।

विवरणसूचक चिह्न (:, :- )

किसी बात की व्याख्या करते समय अथवा विवरण देते समय इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
क. हिंदी में लिंग दो प्रकार के होते हैं:- पुल्लिग, स्त्रीलिंग

विस्मयादिबोधक चिह्न (!)

विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग, विस्मय, व्यंग्य, घृणा, करुणा, हर्ष, विषाद आदि भावों को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। उक्त भावों के शब्दों छिः छिः, अरे, शाबाश आदि। जैसे-
क. वह कितना मूर्ख है!
ख. तुम बड़े भारी विद्वान हो!

प्रश्नवाचक चिह्न (?)

जिन वाक्यों से प्रत्यक्ष रूप से प्रश्न की ध्वनि निकलती हो, वहाँ पूर्णविराम के स्थान पर वाक्य के अंत में प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
क. क्या तुम दिल्ली जाओगे?
ख. क्या तुम मेरी सहायता नहीं करोगे?

उद्धरण-चिह्न (“”, ‘ ‘)

उद्धरण चिह्न दो प्रकार के होते हैं-
1. दोहरा उद्धरण चिह्न (“”)
2. इकहरा उद्धरण चिह्न (‘’)

1. दोहरा उद्धरण चिह्न (“”)

जहाँ किसी पुस्तक से कोई वाक्य, अवतरण या किसी व्यक्ति का कथन बिना किसी परिवर्तन के उद्धृत किया जाता है, वहाँ दोहरे उद्धरण चिह्न का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
क. सुभाष ने कहा, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”
ख. क्रिकेट के बारे में कहा जाता है, “जो छोड़े कैच, वह हारे मैच।”

2. इकहरा उद्धरण चिह्न (‘’)

किसी विशेष व्यक्ति, पुस्तक, लेख का शीर्षक या किसी लेखक अथवा कवि के उपनाम में इकहरे उद्धरण चिह्न का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
क. “श्री हरिवंशराय बच्चन” महान कवि थे।
ख. “चंदा मामा” बच्चों की पत्रिका है।

कोष्ठक चिह्न (())

जब वाक्य से पृथक् रखते हुए किसी शब्द या भाव की व्याख्या की जाती है तो उस अंश (व्याख्या में प्रयुक्त) को कोष्ठक में लिखा जाता है। जैसे-
क. “निराला” (पं. सूर्यकांत त्रिपाठी) की “जूही की कली” श्रृंगारिक रचना है।
ख. उच्चारण (बोलना) जीभ और कंठ से होता है।

संक्षेपसूचक या लाघव चिह्न (०)

वाक्य में जब पूर्ण शब्द न लिखकर उसके संक्षिप्त रूप से काम चलाया जाता है, तब लोपसूचक चिह्न का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
क. हि. सा. स. – हिंदी साहित्य सम्मेलन।
ख. कृ. पृ. उ. – कृपया पृष्ठ उलटिए

हंसपद या त्रुटिसूचक चिह्न (^)

लिखते समय जब वाक्य में कोई बात छूट जाती है। और बाद में उसके जोड़ने की आवश्यकता का अनुभव होता है तो छूटे हुए स्थान पर हंसपद का प्रयोग करके वह बात लिख दी जाती है। जैसे-

    • क. ज्ञान राशि के संचित कोश ^ नाम साहित्य है।
    • ख. छात्रों को चाहिए ^ वे खूब मन लगाकर पढ़ें।

स्मरणीय तथ्य

अपनी बात को पूरी तरह स्पष्ट करने के लिए लिखते समय हम रुकने आदि के चिह्न लगाते हैं। उन्हें विराम चिह्न कहते हैं। हिंदी में प्रयुक्त विराम चिह्न हैं- पूर्णविराम, अर्धविराम, अल्पविराम, योजक चिह्न, निर्देशक-चिह्न, विवरण चिह्न, विस्मयादिबोधक चिह्न, प्रश्नवाचक चिह्न, उद्धरण-चिह्न, कोष्ठक चिह्न, लाघव चिह्न, त्रुटिसूचक चिह्न।

Class 6 Hindi Grammar Chapter 26 विराम-चिह्न
विराम-चिह्न for class 6
Last Edited: March 30, 2023