Class 6 Hindi Grammar Chapter 21 संबंधबोधक अव्यय (Sambandhbodhak Avyay). Get here all the example with explanation of संबंधबोधक अव्यय updated for current academic session 2024-25. All the contents are given in simple language so that a student of grade 6 can understand easily. These contents are useful for CBSE, UP Board, MP Board, Gujrat Board and all other boards who are following NCERT Books.
कक्षा 6 हिन्दी व्याकरण पाठ 21 संबंधबोधक अव्यय
कक्षा: 6 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 21 | संबंधबोधक अव्यय |
Class 6 Hindi Grammar Chapter 21 संबंधबोधक अव्यय
संबंधबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के बाद लगकर उनका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों को बताते हैं, उन्हें संबंधबोधक कहते हैं।
निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से पढ़ें:
- लाल किले पर तिरंगा लहरा रहा है।
- घर के आगे बगीचा है।
- राम के नाम के बिना सुख नहीं मिलता।
- उसके साथ बच्चे भी गए।
- ज्ञान के बिना जीवन बेकार है।
- पेड़ के नीचे गाय है।
- पुलिस स्टेशन के चारों ओर भीड़ इकट्ठी हो गई।
- सुरेन्द्र की अपेक्षा अशोक अधिक बुद्धिमान है।
- उस के विरुद्ध मैं कुछ नहीं कर सकता।
ऊपर लिखे वाक्यों में “लाल किले” संज्ञा शब्द “घर”, “पेड़” संज्ञा या सर्वनाम पद हैं। इनके बाद क्रमशः मोटे छपे शब्द के आगे “के बिना”, “उसके साथ”, “के नीचे”, “चारों ओर”, “की अपेक्षा”, “के विरुद्ध” आदि उससे संबंध बताते हैं। इन्हें संबंधबोधक कहते हैं। स्मरण रहे कि उनके पहले “के”, “से”, “को” परसर्ग आते हैं जो बाद के रूपों के साथ संबंध जोड़ते हैं। के द्वारा, की जगह, की भाँति के संग, के लिए, के बिना आदि संज्ञा-शब्दों के साथ आए हैं। इन्होंने संज्ञा का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ जोड़ा है। ये संबंधबोधक शब्द हैं।
संबंधबोधक शब्द तालिका
संबंधबोधक- 1 | संबंधबोधक- 2 | संबंधबोधक- 3 |
---|---|---|
के द्वारा | के लिए | के समान |
से पहले | के मारे | से लेकर |
की अपेक्षा | के बराबर | के हाथ |
के बिना | के बदले | से विपरीत कारण |
के विषय में | के आसपास | के अतिरिक्त |
की वजह | के साथ | से दूर |
संबंधबोधक और क्रिया विशेषण में अंतर
कुछ शब्द क्रिया विशेषण और संबंधबोधक दोनों रूपों में प्रयुक्त किए जा सकते हैं। जैसे- नीचे दिए गए उदाहरण देखिए:-
क्रिया विशेषण | संबंधबोधक |
---|---|
वह पीछे भागा। | वह राम के पीछे भागा। |
लोग बाहर चले गए। | लोग नगर से बाहर चले गए। |
लड़के भीतर आए। | लड़के कमरे के भीतर आए। |
दोनों में यह अंतर है कि संबंधबोधक किसी संज्ञा या सर्वनाम के साथ आते हैं और क्रिया-विशेषण सीधे क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं। याद रखिए जब ऐसे शब्द संबंधबोधक की तरह प्रयोग किए जाते हैं तो उनसे पूर्व के “से”, “की’ आदि अवश्य जुड़े होते हैं। यदि इनके आगे “के”, “से”, “की” आदि न हों तो ये क्रिया-विशेषण बन जाते हैं। संबंधबोधक तीन प्रकार से प्रयोग किए जाते हैं:
- विभक्ति के साथ- जैसे- राम-नाम के समान कोई मित्र नहीं।
- बिना विभक्ति के- जैसे- भाई सहित राम अयोध्या लौटे।
- दोनों रूपों में- जैसे- पति के बिना या पति-बिना गति नहीं।
स्मरणीय तथ्य
- जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ उनका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताते हैं, उन्हें संबंधबोधक कहते हैं।
- जो अव्यय संज्ञा या सर्वनाम के साथ जुड़ते हैं, वे संबंधबोधक कहलाते हैं किंतु जब वे ही किसी क्रिया की विशेषता बताते हैं, तो क्रिया-विशेषण कहते हैं।