Class 6 Hindi Grammar Chapter 20 क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan). Get here all examples of Class 6 Hindi Vyakaran – Kriya and uske prakar. What is Kriya Visheshan and how to use it in sentences in perfect manner. Explanation of क्रिया-विशेषण with suitable example in simple language updated for academic session 2024-25.
कक्षा 6 हिन्दी व्याकरण पाठ 20 क्रिया विशेषण
कक्षा: 6 | हिन्दी व्याकरण |
अध्याय: 20 | क्रिया विशेषण |
Class 6 Hindi Grammar Chapter 20 क्रिया-विशेषण
क्रिया-विशेषण किसे कहते हैं?
परिभाषाः
क्रिया की विशेषता को बताने वाले शब्द क्रिया-विशेषण कहलाते हैं।
- वह प्रतिदिन पढ़ता है।
- मोहित तेज चलता है।
- कोयल मधुर गाती है।
उपर्युक्त वाक्यों में “प्रतिदिन”, “तेज”, “मधुर” शब्दों से क्रिया की विशेषता के विषय में पता चलता है कि क्रिया किस प्रकार हुई, क्रिया किस स्थान पर हुई, क्रिया किस समय हुई और क्रिया कितनी हुई। जो अविकारी शब्द इन बातों का ज्ञान कराते हैं, उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं। ऊपर के इन वाक्यों में प्रतिदिन, तेज और मधुर शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं।
क्रिया-विशेषण के भेद
क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं:
- स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
- कालवाचक क्रिया-विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
- रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
जो शब्द क्रिया की स्थान संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं; जैसे-
- अमन यहीं बैठकर पढ़ो, इधर-उधर मत जाओ।
- आँधी में कहाँ जाओगे?
- सुमन इधर-उधर घूम रही थी।
- भीतर जाकर बैठिए।
उपर्युक्त वाक्यों में “इधर-उधर”, “कहाँ”, “भीतर” और “बाहर” शब्द क्रियाओं की होने के स्थानों का बोध करा रहे हैं।
अतः यह स्थानवाचक क्रिया-विशेषण है।
कालवाचक क्रिया विशेषण
जो शब्द क्रिया की काल या समय संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें कालवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे-
- (क) गीता गाड़ी से आज सवेरे आने वाली थी, लेकिन अभी तक नहीं आई।
- (ख) अरुण परसों जरूर जाएगा।
- (ग) सदा सत्य बोलो और प्रसन्न रहो।
- (घ) आगरा कब जाओगे?
इन वाक्यों में “आज”, “सवेरे”, “अभी”, “तक”, “परसों”, “सदा” और “कब” शब्दों से क्रिया के काल (समय) का बोध हो रहा है। अतः ये शब्द कालवाचक क्रिया-विशेषण हैं।
परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
जो शब्द क्रिया की मात्रा या परिमाण बताए, उसे परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।
(क) वह बहुत हँसता है।
(ख) थोड़ा खाओ, खूब चबाओ।
इन वाक्यों में “बहुत”, “थोड़ा”, “खूब” शब्द की क्रिया की मात्रा या परिमाण बताते हैं। अतः ये शब्द परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण हैं।
रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
जो शब्द क्रिया के होने की रीति या विधि बताते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे-
- (क) कछुआ धीरे-धीरे चलता है।
- (ख) राम तेज लिखता है।
- (ग) वह अचानक आ गया।
- (घ) कल तक मैं अवश्य आ जाऊँगा।
- (ङ) नेहा जोर-जोर से चिल्ला रही है।
- (च) कमीजें हाथों-हाथ बिक गईं।
उपर्युक्त वाक्यों में “धीरे-धीरे”, “अचानक”, “तेज”, “झटपट” और “अवश्य” शब्द क्रियाओं के होने की रीति (ढंग) बता रहे हैं। अतः ये रीतिवाचक क्रिया-विशेषण हैं।
कक्षा 6 हिन्दी व्याकरण – क्रिया विशेषण के स्मरणीय तथ्य
- क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रिया विशेषण कहते हैं।
- जो क्रिया के होने के स्थानों का बोध कराते हैं, उन्हें स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।
- जो क्रिया के होने के समय का बोध कराते हैं, उन्हें कालवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।
- जो क्रिया के होने के ढंग या रीति का बोध कराते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।
- जो क्रिया के परिमाण या मात्रा का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।